Saturday 30 June 2018

कैथी लिपि

कैथी लिपि-------
   
कैथी लिपि जिससे अंग लिपि भी  कहा जाता है | देश स्वतंत्र होने के पूर्व यह लिपि देश के अधिकांश भागो की  जन लिपि थी ऐसा कहा जा सकता है | यही कारन था की शेरशाह जैसे अधिकांश शाशको ने अपने राजकाज के लिए इसी कैथी लिपि को राजकाज की सञ्चालन की भाषा और लिपि अपनाई और इसे ही बिकसित ,और संरक्छन दिया।  उस समय सामान्य जन की लिपि कैथी लिपि ही हुआ करती थी राजकाज के सामान्य कार्य के अलावा लोगो की दैनिक लिखा पढ़ी की एक महत्वपूर्ण  लिपि थी। 
कालान्तर में जब देश पर अंग्रेजो का शासन  हुआ करता था उस समय अंग्रेजी राज्य में भी कैथी भाष तो गुजरात के कच्छ से ले कर कोशी छेत्रो तक की  राजकीय लिपि बनाई गयी  था। सरकार के सारे  कार्य के अलावा उस समय के न्याययिक कार्यो के साथ साथ  आम जन की कैथी ही सर्वमान्य और समृद्ध लिपि थी इस भाषा लिपि के कारण अंग्रेजो और उसके पूर्व के जमाने के सभी सामान्य जन की लिपि कैथी लिपि ही थी . कैथी भाषा में उस समय के अधिकतर कागजात ,पत्र आदि  लिखी मिलती थी और अभी भी मिलती है |पुराने सरकारी दस्ताबेजो को पढने के लिए तो अभी भी राज्य और कन्द्रीय सरकारों को कार्यालयों में बजापते सूचना प्रसाशित कर इस भाषा और लिपि के जानकर लोगो को ऐसे कागजातों को पढ़ने के लिए राशी भुगतान कर रखा जा रहा है क्योकि उस समय के बहुत सारे कागजात में क्या लिखा है जानना जरूरी है |खास कर जमीन जायदाद के मामले में तो और जरूरी होता है जहाँ पुराने  सारे के सारे कागजात कैथी लिपि में ही लिखी मिलती  है | .
जब देश आजाद हुआ तो उस समय की सरकार ने इस भाषा पर ध्यान नही दिया और घिरे धीरे यह कैथी लिपि  लुप्त होते चली गयी . मैंने अपने बचपन में देखा है की मेरे पिता जी आपस में जिन पत्रों को लिखा करते थे वे सभी पत्रों की लिपि कैथी लिपि ही हुआ करती थी | अभी भी मेरे घरो में कैथी लिपि की लिखी हुई कई दस्ताबेज मौजूद है |.
जिस तरह देश में अन्य लिपिओ का विकाश हुआ उसी  तरह कैथी लिपि को किसी ने विकाश पर ध्यान नही दिया और यह लिपि धीरे धीरे लुप्त के कगार पर आ गयी है |.कैथी लिपि पहले मुख्य तौर पर कायस्थ जाती की लिपि थी . कायस्थों की मुख्य जीविका का साधन यह  लिपि थी . पहले गाँव घरो में अधिकतर लोग जो पढ़े लिखे नही होते थे अपने पत्रों को  या कोई भी सरकारी कागजात या फिर जमीन,घर आदि के कागजात को पढ़ाने केलिए इन्ही  समुदाय के पास जाते थे |इस समुदाय के लोगो का मुख्य जिविकी का श्रोत था .लेकिन आजादी के बाद इस समुदाय  के जीवन निर्वहन के साधन को  बनाये रखने पर कोई ध्यान नही दिया गया | इसका परिणाम यह हुआ की इस लिपि के जानकारी रखने बालो की तायदाद धीरे धीरे छिन्य होती चली  गयी |  अब तो स्थिथि यह है की इस लिपि को जानने बालो को बड़ी मुस्किल से खोजी जाती है | यहाँ तक की इस लिपि के बिषय में अब लोग जानते भी नही है की ऐसी भी कोई लिपि कभी रही थी |
जहाँ तक मेरी जानकारी है जो अपने पिता जी से सुना था की कैथी लिपि की उत्पत्ति कायस्थ शब्द से हुई है |देश  में अंग्रेजो की शासन के पूर्ब मुगलकालीन शासनों में भी कैथी लिपि देश की राजकीय भाषा के रूप में स्थापित थी |इसके बाद अंग्रेजो के शासन काल में भी इस भाषा का उपयोग राजकीय दस्तावेजो में मिलता है ,इस से यह भी प्रमाणित होता है की इस भाषा का उस समय को राजकाज पर पूरा और स्पस्ट छाप था  |उस समय के जमीन ,लगानो ,क़ानूनी दस्तावेजो ,दानपत्रो ,पत्रों में स्पस्ट रूप से देखा जा सकता है |
                  कैथी भाषा और इसकी लिपि को मुख्यत ; तीन प्रकार थे जिनका तात्कालिक समय में उपयोग किया जाता था |उनमें ---तिरहुत कैथी लिपि , मगही कैथी लिपि , और भोजपुरी कैथी लिपि | इस लिपि का बिस्तार जहाँ तक मुझे बचपन में पिता जो द्वारा बताया गया था और जो मुझे याद है के अनुसार असाम , मगध , बंगाल , गुजरात के कछ छेत्र तक था |इसके साथ साथ इस लिपि का बिस्तार उत्तर प्रदेश , उड़ीसा , अवध  , के साथ साथ देश के बड़े हिस्सों में था और इन छेत्रो की सरकारी कामकाज की लिपि यही कैथी लीपि थी |कैथी लिपि काफी सम्ब्रिध लिपि उस जमाने की थी |
कैथी लिपि की वर्णमाला कुछ इस प्रकार है जो  मैंने अपने स्तर से लिखी है --




इधर मैंने बिहार के दैनिक समाचार पत्रों में देखा है की बिहार सरकार के द्वारा भी कुछ लुप्त हो रही लिपि और भाषाओ को पुनः जागृत करने के प्रयास में इस कैथी भाषा और लिपि का भी स्थान दिया गया है |बस्ताव में राज्य के कैथी भाषा के जानकार लोगो के लिया एक अच्छी खवर है |
            अगर इस लेख को लिखने में कुछ कमियां हो तो मुझे भी जानकारी होनी चाहिये |वैसे मै कोई भाषा का जानकार नही हूँ |वस इस भाषा की उत्पत्ति समुदाय से हूँ और दिमाग में आया की इसके बारे में जो भी मेरी जानकारी है में  अपने बिचार लोगो से साझा करू |इसी सोच से इस लिख  को प्रस्स्तुत किया हूँ |
  शेष टिप्पणी की प्रतिच्छा में |.

3 comments:

  1. आपने बहुत अच्छा बर्णन किया है कैथी लिपी के सब्जेक्ट पर, सीन्स मई भी कायस्थ हु और मेरी भी इक्षा है कि हम अपने इस लिपी को आगे बढ़ाये।तो आशा रखता हूँ आपके साथ मिलकर कुछ काम कर सकते हैँ इस फील्ड में।

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  2. बहुत-बहुत बढियां जानकारी दी आपने । बधाई के पात्र हैं । और भी जानकारी दीजिए

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  3. Nice work sir g
    Plz send to me your phone number and book.
    manojashu422@gmail.com

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